बड़ी खबर : टीचर बनने के लिए अब बीएड - डीएड जरूरी नहीं
इंदौर. स्कूलों में पढ़ाने के लिए अब बीएड या डीएड कोर्स करना जरूरी नहीं होगा। एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने अगले सत्र से ही बहुप्रतिक्षित आइटीइपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) शुरू करने की घोषणा की है। शहर के ज्यादातर बीएड कॉलेज इस कोर्स के लिए आवेदन कर रहे हैं। बीएड करने के लिए 12वीं के बाद किसी भी संकाय में ग्रेजुएशन जरूरी है। तीन साल के ग्रेजुएशन के बाद दो साल का बीएड करने के बावजूद विद्यार्थियों को बैचरल डिग्री ही मिल पाती है। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए 12वीं के बाद इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने पर लंबे समय से विचार जारी था।
एनसीटीइ की कोशिश थी कि वर्तमान सत्र यानी 2018-19 से ही इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जाए, लेकिन सत्र शुरू होने तक इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। अब आइटीपीइ के लिए कॉलेजों से आवेदन बुलाए जा रहे हैं। बीएड की तुलना में इस कोर्स की ज्यादा डिमांड रहेगी। हालांकि, एनसीटीइ ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वर्तमान में चल रहे कोर्स जारी रहेंगे या नहीं।
कॉलेजों को मिलेगी 50-50 सीट
अब तक प्री-प्रायमरी और प्रायमरी कक्षा में पढ़ाने के लिए डीएलएड और इससे अधिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बीएड जरूरी है। आइटीइपी में भी दो कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। दोनों कोर्स के लिए कॉलेजों को 50-50 सीट दी जाएंगी। बीएड कॉलेज एसोसिएशन के अवधेश दवे व कमल हिरानी ने बताया, शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड कोर्स की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की गई थी। बीएड करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार ऐसा कोर्स चाह रहे थे जिसमें वे ग्रेजुएशन के बजाय अच्छे टीचर बनने की ट्रेनिंग ले सकें
इंदौर. स्कूलों में पढ़ाने के लिए अब बीएड या डीएड कोर्स करना जरूरी नहीं होगा। एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने अगले सत्र से ही बहुप्रतिक्षित आइटीइपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) शुरू करने की घोषणा की है। शहर के ज्यादातर बीएड कॉलेज इस कोर्स के लिए आवेदन कर रहे हैं। बीएड करने के लिए 12वीं के बाद किसी भी संकाय में ग्रेजुएशन जरूरी है। तीन साल के ग्रेजुएशन के बाद दो साल का बीएड करने के बावजूद विद्यार्थियों को बैचरल डिग्री ही मिल पाती है। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए 12वीं के बाद इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने पर लंबे समय से विचार जारी था।
एनसीटीइ की कोशिश थी कि वर्तमान सत्र यानी 2018-19 से ही इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जाए, लेकिन सत्र शुरू होने तक इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। अब आइटीपीइ के लिए कॉलेजों से आवेदन बुलाए जा रहे हैं। बीएड की तुलना में इस कोर्स की ज्यादा डिमांड रहेगी। हालांकि, एनसीटीइ ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वर्तमान में चल रहे कोर्स जारी रहेंगे या नहीं।
कॉलेजों को मिलेगी 50-50 सीट
अब तक प्री-प्रायमरी और प्रायमरी कक्षा में पढ़ाने के लिए डीएलएड और इससे अधिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बीएड जरूरी है। आइटीइपी में भी दो कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। दोनों कोर्स के लिए कॉलेजों को 50-50 सीट दी जाएंगी। बीएड कॉलेज एसोसिएशन के अवधेश दवे व कमल हिरानी ने बताया, शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड कोर्स की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की गई थी। बीएड करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार ऐसा कोर्स चाह रहे थे जिसमें वे ग्रेजुएशन के बजाय अच्छे टीचर बनने की ट्रेनिंग ले सकें
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